Wednesday, May 02, 2012

प्रतिभा स्कूलों में नहीं होगी छठी से आठवीं की पढ़ाई


प्रतिभा स्कूलों में नहीं होगी छठी से आठवीं की पढ़ाई
विभूति कुमार रस्तोगी, नई दिल्ली प्रक्रिया और व्यवस्था बदलने करने की बजाय दिल्ली सरकार ने राजधानी के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालयों में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा की पढ़ाई बंद करने का फैसला लिया है। प्रतिभा स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के कारण बीते दो वर्षो से दाखिला प्रक्रिया आयोजित नहीं हो पा रही थी। जब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा। मंगलवार को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में मामले में जो जबाव दिया, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। दिल्ली सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि वह प्रतिभा स्कूलों में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षाओं को बंद करने जा रही है। इसका मतलब साफ है कि प्रतिभा स्कूलों में सरकार बिना लिखित परीक्षा के दाखिला देना ही नहीं चाहती। बुधवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि राजधानी के प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल राजकीय प्रतिभा विद्यालयों में बीते साल और इस साल भी दाखिला न होने का मुद्दा हाल ही में हाईकोर्ट पहुंचा था। वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा बीते साल और इस साल भी दाखिले का आयोजन न करने को लेकर याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा और सुनवाई के लिए दो मई की तारीख मुकर्रर की। अपनी याचिका में वकील अशोक अग्रवाल ने बताया था कि बीते साल आरटीई के कारण लिखित परीक्षा के जरिए दाखिले पर रोक लगाई गई। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि अगले साल से बिना लिखित परीक्षा के किसी और जरिये प्रतिभा स्कूलों में दाखिल करवाया जाए, लेकिन इस साल मार्च बीत जाने के बाद भी दिल्ली सरकार ने दाखिला प्रक्रिया आयोजित नहीं की। दरअसल, शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत प्रावधान है कि पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक के दाखिले में किसी भी प्रकार की लिखित परीक्षा या स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी। राजधानी के 19 प्रतिभा स्कूलों में बीते दस वर्षो से लिखित परीक्षा के आधार पर दाखिले हो रहे थे। प्रतिभा स्कूलों में छठी कक्षा से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। प्रतिभा स्कूलों में बच्चे छठी कक्षा में ही दाखिला होता है और बच्चा फिर आगे की क्लास में बढ़ता रहता है। बीते साल प्रतिभा स्कूलों में छठी कक्षा में दाखिले के लिए दिल्ली सरकार ने लिखित परीक्षा के लिए अखबारों में विज्ञापन निकला,इसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने जनवरी में फैसला दिया कि सत्र 2011-12 के लिए खाली 1400 सीटों पर अन्य सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्थानांतरित कर दिया जाए, लेकिन अगले साल बिना लिखित परीक्षा के कुछ और विकल्प तलाशा जाए।

Source: Dainik Bhaskar

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