Wednesday, May 09, 2012

सीनियर की शिकायत ही सजा का आधार नहीं


सीनियर की शिकायत ही सजा का आधार नहीं
नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने कहा है कि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को सिर्फ उसके वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत को आधार मानकर दंडित नहीं किया जा सकता है, जब तक कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर आरोप सिद्ध न हो जाए। पीठ के सदस्य जॉर्ज पराकेन (न्यायिक) और सुधीर कुमार (प्रशासनिक) ने सरकार की दलीलों को नजरअंदाज करते हुए इसे विकृत करार दिया। दिल्ली सरकार के कर्मचारी बुलर पाल ने अनुशासनात्मक और अपीलीय अथॉरिटी के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें एडीएम (पश्चिम) देवेश सिंह द्वारा 2001 में की गई श्किायत के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया था। बुलर पर यह आरोप था कि बतौर चालक वे बिना किसी पूर्व सूचना के दो बार ड्यूटी पर देर से आए। कैट की मुख्य पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मेरे विचार में यह मामला बिना किसी साक्ष्य का है, इसलिए अनुशासनात्मक और अपीलीय अथॉरिटी के आदेश न्याय के सिद्धांत के प्रतिकूल हैं। लिहाजा उनको दंडित करने के बजाय उन्हें आरोपमुक्त किया जाए। बुलर पाल ने कैट ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसे सिद्ध करने के लिए कोई ठोस सुबूत नहीं है जिसके आधार पर उन्हें दोषी ठहराया जा सके।

Source: Dainik Jagran

1 comment:

  1. Betting 101: How to Make Money From Sports To Gambling
    The sports betting market is massive. When you look at the size of the 오래된 토토 사이트 available betting market, it is difficult to

    ReplyDelete