Friday, February 03, 2012


03 February 2012

टेंट में कक्षाएं चलाने पर सरकार से मांगा जवाब

टेंट में कक्षाएं चलाने पर सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जताई सख्त नाराजगी
नई दिल्ली (एसएनबी)। राजधानी में भीषण ठंड के बीच एक सरकारी स्कूल में करीब 390 बच्चों की कक्षाएं टेंट में चलने का मामला सामने आने के बाद अब पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताए कि कितनी कक्षाएं इस तरह से टेंटों में चल रही हैं। हाईकोर्ट ने इस बात पर सख्त नाराजगी जताई कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी बच्चों को जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। इस बाबत सोशल जूरिस्ट संस्था के संयोजक व एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया कि वहां का दौरा करने के बाद बच्चों ने उन्हें बताया कि कक्षाएं जहां चल रही हैं, वहां पास में ही कूड़े और गोबर के ढेर लगे हुए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एके सीकरी व राजीव सहाय एंडला की पीठ के समक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा एमसीडी व दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया था कि किसी भी सूरत में टेंट में सरकारी स्कूल न चलाए जाएं, लेकिन इसके बावजूद जाफराबाद इलाके के को-एड सरकारी स्कूल में करीब 170 बच्चे खुले में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जहां बच्चे पढ़ रहे हैं, वहां की हालत भी बहुत खराब है। वहां एक टूटी बाउंड्री है और उसके पास गंदगी का ढेर है। आसपास कुत्ते भी घूमते रहते हैं। इस बाबत शिक्षा निदेशालय की ओर से डिप्टी डायरेक्टर आरएन शर्मा द्वारा दाखिल जवाब में कहा गया कि न्यू जाफराबाद में वहां की जनता की मांग पर अक्टूबर 2011 में स्कूल शुरू करने के लिए जमीन आवंटित की गयी थी। निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर वहां अस्थायी रूप से कक्षाएं चलाने के लिए टेंट की व्यवस्था कर दी गई। पीठ को बताया गया कि कुछ दिन टेंट में क्लासें चलीं। बाद में ठंड के मद्देनजर बच्चों को दो बार बाबरपुर स्थित ऑडिटोरियम में पढ़ाई के लिए शिफ्ट किया गया। हलफनामे में कहा गया कि फिलहाल प्लॉट बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि पीटी कराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शिक्षा निदेशालय की ओर से यह भी बताया गया कि स्कूल इमारत बनाने के लिए सरकार ने तीन करोड़ साठ लाख रुपए मंजूर कर लिए हैं। यहां 32 कक्षाएं व पांच शौचालय बनाए जाने हैं। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की है।

Source: Rashtriya Sahara

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