Friday, February 10, 2012

अब केवी के शिक्षक कक्षाओं में नहीं जांच पाएंगे कॉपियां


अब केवी के शिक्षक कक्षाओं में नहीं जांच पाएंगे कॉपियां 
शैलेन्द्र ङ्क्षसहत्न नई दिल्ली

अक्सर कक्षाओं में यूनिट टेस्ट व वार्षिक-अद्र्धवार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षक अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। केन्द्रीय विद्यालय संगठन बोर्ड ऑफ गवर्नस की बैठक में लिए गए ताजा फैसले के तहत देशभर में फैले 1087 केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षाओं में अध्यापन कार्य के दौरान ऐसा करने पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही, अब हर शिक्षक को सप्ताह में कम से कम 45 घंटे तो स्कूल में गुजराने ही होंगे। केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने बच्चों के सुरक्षित स्कूल पहुंचने व स्कूल से घर जाने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर डाल दी है। यानि, शिक्षक स्कूल में रहकर सुनिश्चित करेंगे कि बच्चा समय से स्कूल आ रहा है और छुट्टी होने पर सुरक्षित घर लौट रहा है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन बोर्ड ऑफ गवर्नस की बैठक में स्कूलों में शिक्षकों की कई अहम जिम्मेदारियां तय की गई हैं। बोर्ड ने मुफ्त एवं शिक्षा अधिकार कानून 2009 के तहत निर्धारित प्रावधानों के तहत शिक्षकों के लिए सप्ताह में 45 घंटे काम करना अनिवार्य कर दिया है। इसमें प्रतिदिन के हिसाब से शिक्षकों को 7 घंटे 30 मिनट स्कूल में देने ही होंगे। संगठन की ओर से साफ किया गया है कि 6 घंटे 10 मिनट की स्कूल टाइमिंग में शिक्षक सिर्र्फ और सिर्फ अध्यापन का काम करेंगे। इसके बाद शेष 1 घंटा 20 मिनट में वे कापियों की जांच, शिक्षण से जुड़ी तैयारी और अन्य अहम कार्य अंजाम देंगे। साफ शब्दों में अब कक्षाओं में अध्ययन के दौरान कापियों की जांच सम्भव नहीं होगी और गैर शैक्षणिक गतिविधिया भी नहीं अंजाम दी जा सकेंगी। इसी 1 घंटा 20 मिनट के दौरान एक और अहम जिम्मेदारी उन पर डाली गई है, जिसके तहत शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चा घर से सुरक्षित स्कूल पहुंचे और स्कूल से सुरक्षित घर के लिए रवाना हो जाए। केन्द्रीय विद्यालय संगठन की ओर से लागू नई व्यवस्था के तहत 6 घंटे 10 मिनट की समय सीमा को पूर्णतया लागू करने के लिए आठ पीरियड में से पहला व पांचवां पीरियड 40 मिनट का कर दिया गया है, जबकि शेष पीरियड की अवधि 45 मिनट रहेगी।

Source: Dainik Bhaskar

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