Saturday, February 25, 2012

उत्तरी क्षेत्र में स्थापित सिविक सेंटर पर दक्षिण ने डाले डोरे


उत्तरी क्षेत्र में स्थापित सिविक सेंटर पर दक्षिण ने डाले डोरे 

उत्तरी निगम पार्षदों में गहरी नाराजगी, दक्षिणी क्षेत्र के प्रभाव में काम करने का आरोप, आधुनिक सिविक सेंटर के बदले 144 वर्ष पुराना टाउन हाल सौंपे जाने की चर्चा। 
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम को तीन टुकड़ों में बांटने के बाद अब इनके मुख्यालयों को लेकर निगम पार्षदों में नाराजगी दिखने लगी है। उत्तरी निगम क्षेत्र में सिविक सेंटर होने के बावजूद उसे दक्षिणी निगम के मुख्यालय में तब्दील करने की सरकार की कवायद से उत्तरी निगम के पार्षदों में खासा आक्रोश है। उनका आरोप है कि दक्षिणी निगम में रसूखदार लोग रहते हैं, इसलिए उनके निगम का मुख्यालय सिविक सेंटर को बनाने की तैयारी की जा रही है।
बताते चलें कि नगर निगम को उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी निगम में बांट दिया गया है। इसके बाद अब इन तीनों निगमों के मुख्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन अब इसमें भी पेंच फंस रहा है। इसका कारण यह है कि उत्तरी निगम में लगभग छह सौ करोड़ रुपए की लागत से बना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेंटर स्थित है, लेकिन इसे दक्षिणी निगम के हवाले किए जाने की तैयारी की जा रही है। जबकि, उत्तरी निगम का मुख्यालय 144 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत टाउन हाल को बनाने का प्रस्ताव है। हालांकि, उत्तरी दिल्ली के शहरी जोन का मुख्यालय सिविक सेंटर में ही रखने की बात चल रही है। मुख्यालय बदलने की यह कवायद ही उत्तरी निगम के पार्षदों को अखर रही है और इसको लेकर उनमें खासी नाराजगी है। रिठाला के वार्ड संख्या 22 से भाजपा पार्षद हरीश अवस्थी का कहना है कि टाउन हाल को भारतीय पुरातत्व विभाग को सौंप देना चाहिए। यह इमारत अत्यधिक पुरानी होने के साथ ही जर्जर भी हो चुकी है। सिविक सेंटर में उत्तरी निगम का मुख्यालय खोले जाने से साफ-सुथरे माहौल में काम करने का अवसर मिलेगा। इसी तरह, रोहिणी साउथ, वार्ड संख्या 45 के भाजपा पार्षद अनेश कुमार जैन भी इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। ईस्ट पटेल नगर, वार्ड संख्या 95 के कांग्रेसी पार्षद तुलसीराम सबलानिया भी सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहते हैं कि उत्तरी निगम के लोगों के साथ दोहरी नीति अपनाई जा रही है।
अगर सरकार चाहे तो दोनों निगमों का मुख्यालय सिविक सेंटर में खोला जा सकता है। इसको देखते हुए अधिकारियों को एक बार फिर अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। 

टाउन हाल की मरम्मत का काम शुरू 
टाउन हाल का निर्माण लगभग पौने दो लाख रुपए की लागत से वर्ष 1866 में पूरा किया गया था। अब इस ऐतिहासिक इमारत की महज मरम्मत में ही 50 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च होने का अनुमान है। एमसीडी प्रवक्ता योगेन्द्र सिंह मान का कहना है कि तीनों निगमों के गठन से पहले ही टाउनहाल की मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा। 

Source: Bhaskar News

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