Wednesday, February 22, 2012

पेमेंट क्राइसिस से आकाश पर संकट के बादल

 आईआईटी राजस्थान और डाटाविंड के बीच कड़वाहट अपने चरम पर पहुंच गई है। इसकी वजह से आकाश टैबलेट की सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ गई है। यहां तक कि 35 डॉलर वाले आकाश टैबलेट के सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट की वैधता अवधि में महज एक महीना बचा है। बावजूद इसके दोनों पक्षों में सुलह के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। 

आकाश की सप्लाई के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च कर दी गई है, लेकिन डाटाविंड ने इस मामले में बिल्कुल सख्त रुख अपना लिया है। डाटाविंड आकाश की वेंडर कंपनी है। कंपनी ने आईआईटी राजस्थान से कहा है कि जब तक उसका बकाया भुगतान नहीं किया जाता, तब तक वह आकाश टैबलेट की और सप्लाई नहीं करेगी। डाटाविंड के सीईओ सुनीत सिंह तुली ने कहा, जब तक हमें पहले के टैबलेट के बकाए का भुगतान नहीं किया जाता हम और टैबलेट की सप्लाई नहीं करेंगे। 

हालांकि, इस मामले में आईआईटी राजस्थान ने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। डाटाविंड ने अब तक 10,000 टैबलेट की सप्लाई आईआईटी राजस्थान को की है। यह आपूर्ति 2,276 रुपए प्रति टैबलेट की दर से किया गया है। हालांकि इस बीच कुछ ऐसी खबरें भी आई हैं कि आकाश-2 के टेंडर से डाटाविंड को बाहर कर दिया है। लेकिन इन खबरों पर मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करने का मामला हो सकता है, क्योंकि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। आकाश-2 प्रॉजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह पूरी तरह दो पक्षों के बीच हुआ एक व्यावसायिक विवाद है। लेकिन हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि किसी वेंडर को इसमें शामिल होने से मना किया गया है। 

उन्होंने कहा, आकाश 2 के लिए सी-डैक और आईटीआई सिर्फ टेंडर का कामकाज संभालती हैं। लेकिन वे बगैर किसी प्राइवेट हार्डवेयर कंपनी के प्रॉजेक्ट को आगे नहीं बढ़ा सकती हैं। डाटाविंड ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसे अगले टेंडर से बाहर निकाले जाने संबंधी कोई औपचारिक या अनौपचारिक जानकारी मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से नहीं मिली है।
22 Feb 2012, 0733 hrs IST,इकनॉमिक टाइम्स  

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