Monday, April 02, 2012

शिक्षा में सुधार के लिए केंद्र ने बनाया 10 सूत्री कार्यक्रम


शिक्षा में सुधार के लिए केंद्र ने बनाया 10 सूत्री कार्यक्रम
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत छह से चौदह साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 10 सूत्री कार्यक्रमों की सूची तैयार की है। आरटीई लागू होने के दो साल पूरे होने पर इन कार्यक्रमों की सूची जारी करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने अपना काम पूरा कर दिया है। अब इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। उनके अनुसार इन कार्यक्रमों के लागू होने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी। केंद्र की ओर से जारी 10 सूत्री कार्यक्रमों में अशक्त एवं गरीब परिवार के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने, शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य में नहीं लगाने, पाठ्यक्रम सुधार को आगे बढ़ाने, शिक्षक प्रशिक्षण को समयबद्ध तरीके से लागू करने, स्कूलों में आधारभूत संरचना का विकास करने, सत्र शुरू होने से पूर्व अनुदान उपलब्ध करने, स्कूलों में शिकायत निपटारा तंत्र स्थापित करने, आरटीई के मापदंडों को लागू करने, अकादमिक सत्र से पहले बच्चों को पुस्तक एवं पोशाक उपलब्ध कराने और शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरे जाने जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। सिब्बल ने कहा कि इन कार्यक्रमों के लागू होने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आएगा। सिब्बल के अनुसार आरटीई लागू के दो साल के भीतर छात्रों के नामांकन में जबरदस्त सुधार हुआ है, पर अब भी गुणवत्ता संबंधी चुनौतियां बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की बुनियाद रख दी गई है। केंद्र ने अपनी भूमिका निभा दी है, अब राज्यों को पहल करना है। केंद्र ने दो वर्षो में छह लाख शिक्षकों के नए पद मंजूर किए हैं। उनकी नियुक्ति और तैनाती पर गंभीरता से अमल होना चाहिए। काफी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है, पर लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय के निर्माण का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।

Source: Dainik Jagran

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