Tuesday, April 10, 2012

नगर निगम एक्ट में होगा वार्ड समितियों का प्रावधान


नगर निगम एक्ट में होगा वार्ड 

मितियों का प्रावधान


नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : नए नगर निगम अधिनियम में नागरिकों की प्रशासन में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से वार्ड कमेटियों का गठन का प्रावधान रखा जाएगा। ये कमेटियां लोकल एरिया प्लान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस वार्ड कमेटी का अध्यक्ष पार्षद होगा।
नए एक्ट का मसौदा तैयार कर रही एक्सपर्ट कमेटी ने दिल्ली की पंजीकृत आरडब्ल्यूए से इस पर राय मांगी है। कमेटी ने आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों से पूछा है कि एक वार्ड को उप-वार्डो में कैसे विभाजित किया जाए, क्या मतदान केंद्र के अधीन आने वाले इलाकों या कॉलोनियों के आधार पर उप-वार्ड बनाये जाएं?
एक उप-वार्ड का साइज क्या होना चाहिए? आबादी या घरों की संख्या के आधार पर साइज निर्धारित किया जाए? वार्ड समिति की संरचना क्या होगी? वार्ड कमेटी के सदस्य चुने हुए प्रतिनिधि होंगे या नामांकित होंगे, यदि दोनों ही होंगे तो उनका अनुपात क्या होगा? वार्ड समिति में भी महिलाओं या जाति आधार पर आरक्षण होगा? जेजे कॉलोनियों और स्लम में रह रहे लोगों को कैसे वार्ड समिति में शामिल किया जाएगा? वार्ड समिति को क्या क्या काम सौंपा जाएगा? वार्ड को अलग से बजट दिया जाएगा या उन्हें राजस्व वसूली की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा? वार्ड समिति की बैठक की समयावधि क्या होगी? क्या यह संभव है कि वार्ड समितियों की वार्षिक आम सभा का आयोजन किया जाए, जिसमें सभी पंजीकृत मतदाता शामिल हो सकें?
सब-वार्ड पर अलग राय
नगर निगम में कुछ समय पहले ही रेजीडेंट वार्ड कमेटी का गठन किया गया था। इसकी अवधारणा तैयार करने वाले पीपुल्स फॉर एक्शन के संयोजक संजय कौल का कहना है कि वे इस पर अपने सुझाव देंगे कि आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों को ही वार्ड कमेटी में शामिल किया जाए। साथ ही, उप-वार्ड की कोई जरूरत नहीं है, आरडब्ल्यूए ही अपने इलाके का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हैं। उधर दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फोरम के महासचिव पंकज अग्रवाल का कहना है कि एक वार्ड में 50-60 हजार लोग रहते हैं। उन तक पहुंचने के लिए सब-वार्ड बनाया जाना सही है। इससे लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।

Source: Dainik Jagran

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