Saturday, April 07, 2012

चुनावी ड्यूटी से कन्नी काट रहे शिक्षक


चुनावी ड्यूटी से कन्नी काट रहे शिक्षक
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : स्कूल में लोकतंत्र को मजबूत करने और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक नगर निगम चुनावों में अपनी ड्यूटी से कन्नी काटने में लगे हैं। ये शिक्षक जिला राजस्व कार्यालय में अफसरों के पास सिफारिश लगवाने के साथ ही रोजाना नए-नए बहाने लेकर आते हैं जिसका उदाहरण आप राजधानी के किसी भी जिला कार्यालय में जाकर देख सकते हैं। ऐसा ही नजारा बुधवार को गीता कॉलोनी स्थित जिला कार्यालय में देखने को मिला, जहां एक शिक्षिका पहले तो अपनी सिफारिश का हवाला देती है फिर अपनी चुनाव ड्यूटी घर के नजदीक लगाने का अनुरोध पत्र अधिकारी को सौंपते हुए कहती है कि सर मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती इसलिए आवेदन किया है। लेकिन जैसे ही अधिकारी ने शिक्षिका से पूछा कि आपकी अर्नलिव कितनी शेष हैं, तो शिक्षिका ने कहा कि 200 से अधिक बची हैं। जिस पर अधिकारी ने तपाक से कहा कि जब आपकी अर्नलिव इतनी सारी बची हैं, तो स्वास्थ्य के लिहाज से आप फिट हैं। अगर आपको परेशानी होती तो कोई आपका पिछला मेडिकल रिकॉर्ड होता और इतनी सारी अर्नलिव शेष न होती। केवल चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए ऐसा बहाना नहीं चलेगा। फिर भी आप सात तारीख को आइए, अगर कोई कर्मचारी विकल्प के तौर पर आपकी जगह चुनावी ड्यूटी के लिए आएगा तो आपको यहां से रिलीव कर देंगे। इस पर शिक्षिका ने तपाक से जवाब दिया कि सर हमारी ड्यूटी स्कूल में सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक की होती है और यहां पूरे दिन की ड्यूटी लगी है। इसलिए परेशानी तो होगी ही। शिक्षिका का यह जवाब सुन आरओ इतना ही कह सके कि अगर सभी ऐसा करेंगे तो फिर चुनाव में ड्यूटी कौन करेगा? इसके बाद दो सज्जन अपनी बहू की चुनावी ड्यूटी बदलवाने आ पहुंचे। इनकी बहू भी किसी स्कूल की शिक्षिका ही थी, जैसे ही ये सज्जन गए तो चुनावी ड्यूटी बदलवाने के लिए दो सिफारिशी फोन भी अधिकारी के पास आ गए। अधिकारी ने ऑफ दि रिकॉर्ड कहा कि चुनावों में ड्यूटी को लेकर शिक्षिकाओं का यह रवैया बहुत ही चिंता जनक है। बल्कि शिक्षक समाज से तो सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए चुनाव ड्यूटी में बेहतर सहयोग की अपेक्षा की जाती है।

Source: Dainik Jagran

No comments:

Post a Comment