Saturday, April 14, 2012

किताबें उपलब्ध न कराने पर शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने फटकारा


किताबें उपलब्ध न कराने पर शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने फटकारा


नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : नए सत्र को शुरू हुए दो हफ्ते बीतने के बाद भी दिल्ली सरकार और एमसीडी स्कूलों के बच्चों को सरकार किताबें उपलब्ध नहीं करवा सकी है। इस मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक अमित सिंगला को कड़ी फटकार लगाई है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर काफी गंभीर रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली सरकार और शिक्षा निदेशालय को आड़े हाथों लिया।
कोर्ट ने कहा कि अभी तक दिल्ली सरकार सरकारी और एमसीडी स्कूलों में 18 लाख बच्चों को किताब उपलब्ध नहीं करवा सकी है। हैरानी की बात यह है कि नया सत्र शुरू हुए 13 दिन बीत भी चुके हैं। कोर्ट ने शिक्षा निदेशक अमित सिंगला से सवाल किया कि आखिर क्या वजह रही कि बच्चों को अभी तक किताब उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी हैं। शिक्षा निदेशक के यह कहने पर कि टेंडर प्रक्रिया चल रही है और जुलाई तक किताबें उपलब्ध हो जाएंगी, कोर्ट ने कहा कि बच्चे अभी क्या पढ़ेंगे और गर्मी की छुट्टियों में उन्हें होमवर्क कैसे दिया जाएगा। कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार ने किताबों के लिए टेंडर की प्रक्रिया पहले क्यों नहीं शुरू की। आखिर क्यों नहीं किताबें एडवांस में छापी गई।
इन सवालों से शिक्षा निदेशक काफी परेशान हो गए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बच्चों के लिए एक करोड़ 20 लाख किताबें छापी जानी हैं। इसके लिए पांच और नई कंपनियों को शामिल कर लिया गया है, ताकि किताबों का जल्द प्रशासन हो सके। लेकिन इस तर्क पर कोर्ट पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुई, लिहाजा शिक्षा निदेशक को आदेश दिया कि वे मामले पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट 25 अप्रैल को कोर्ट में पेश करें और बताएं कि किताबें उपलब्ध न होने की प्रमुख वजह क्या रही। बता दें वकील अशोक अग्रवाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और शिक्षा निदेशालय से जवाब मांगा था। इस मामले पर जवाब देने के लिए खुद शिक्षा निदेशक अमित सिंगला कोर्ट में पेश हुए थे।

Source: Dainik Jagran

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