Monday, March 12, 2012

मटके का पानी नहीं, मिलेगा मिनरल वॉटर


मटके का पानी नहीं, मिलेगा मिनरल वॉटर


नई दिल्ली।। एमसीडी इलेक्शन के दौरान काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों की प्यास अब मटके के पानी के बजाय मिनरल वॉटर से बुझेगी। दिक्कत यह है कि इन मटकों में पानी भरने मंे समस्या आ रही है, दूसरे इनके रखरखाव और पानी की शुद्धता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 

एनबीटी ने हाल ही में एक खबर प्रकाशित की थी कि चुनाव में करीब 12 हजार पोलिंग स्टेशनों पर काम करने वाले करीब 80 हजार कर्मचारियों की प्यास बुझाने केे लिए नगर निगम प्रशासन करीब 24 हजार मटके, उनके ढक्कन व पेंदे के अलावा करीब 48 हजार गिलासों की खरीद कर रहा है। साथ ही एक बूथ के लिए पांच टेबिल, 11 कुर्सी व जरूरत के हिसाब से शामियाना, कनात, पंखे आदि किराए पर लिए जा रहे हैं। इस खरीद और किराए के लिए करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। निगम प्रशासन के इस निर्णय पर राज्य चुनाव आयोग ने खासी हैरानी जताते हुए इस पर सवाल खड़े किए थे। 

सूत्र बताते हैं कि अपने इस निर्णय पर कायम रहते हुए एमसीडी ने मटके, गिलासों की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। लेकिन आयोग ने चुनाव से जुड़े अपने अफसरों से पूछा है कि क्या पानी के लिए मटके ठीक रहेंगे और उनमें पानी भरने की व्यवस्था भी है। अफसरों ने चुनाव आयुक्त राकेश मेहता को बता दिया है कि इन मटकों का रखरखाव तो मुश्किल है ही साथ ही उनमें पानी भरने में भी दिक्कतें हैं, क्योंकि कई पोलिंग स्टेशनों पर जल बोर्ड का पानी नहीं पहुंचता है। इस मामले में बोर्ड से बात की गई तो उसने पानी पहुंचाने में हाथ खड़े कर दिए हैं।

Source:  नवभारत टाइम्स

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