Monday, March 12, 2012

आचार संहिता लागू होने पर भी कई प्रस्ताव मंजूर


आचार संहिता लागू होने पर भी कई प्रस्ताव मंजूर 
कांग्रेसी पार्षदों ने राज्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की 
भास्कर न्यूज त्न नई दिल्ली
एमसीडी चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, लेकिन निगम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी लोक-लुभावन प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाने से कोई परहेज नहीं कर रही है। भाजपा की इस कवायद से नाराज विपक्षी कांग्रेस पार्षदों ने शुक्रवार को राज्य चुनाव आयुक्त राकेश मेहता से मुलाकात कर शिकायत की।

बताते चलें कि अप्रैल, 2007 में गठित निगम सदन की अधिकांश बैठकें हंगामों में ही निपट गर्इं। शुक्रवार को आयोजित सदन की अंतिम बैठक भी हंगामे की भेंट चढ़ गई और महज 20 मिनट में बैठक को समाप्त कर दिया गया। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में कांग्रेसी पार्षदों के विरोध के दौरान ही भाजपा ने लगभग 100 से ज्यादा प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इन प्रस्तावों के तहत कई विभागों में विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति करने का मामला भी शामिल था। स्टेनो-टाइपिस्ट, जूनियर-सीनियर स्टेनोग्राफर, स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के भर्ती नियमों में संशोधन, एमसीडी विद्यालयों में पढऩे वाली छात्राओं की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, एमसीडी विद्यालयों में कार्यरत कश्मीरी अध्यापकों के वेतन में वृद्धि, चीफ इंजीनियर की पदोन्नति, पब्लिक स्कूलों को मान्यता, आजादपुर के दुकानदारों को मालिकाना हक देना, एमसीडी विद्यालय का निर्माण, दर्जनों सड़कों की मरम्मत जैसे प्रस्तावों के अलावा पार्कों में महापुरुषों की प्रतिमाओं की स्थापना, समुदाय भवनों का निर्माण, सिलाई मशीनों की खरीद, सड़कों के नामकरण जैसे प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।

कांग्रेसी पार्षद चौ. अजीत सिंह ने इस मामले में राज्य चुनाव आयुक्त से शिकायत की है कि एमसीडी में सत्तारूढ़ भाजपा ने विरोध के बावजूद अनेक प्रस्तावों को पारित कर दिया। इसको देखते हुए निगम सदन की कार्यसूची को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानकर रद्द किया जाना चाहिए। उधर, इस मामले में निगम सदन के नेता सुभाष आर्य का कहना है कि प्रस्ताव तैयार करना निगमायुक्त का विशेषाधिकार है, अत: सदन में प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों को पास किया गया। बताते चलें कि इनमें से कई प्रस्तावों को निगमायुक्त ने आचार संहिता लागू होने से काफी पहले पास कर दिया था, बावजूद इसके इन्हें पांच मार्च के बाद सदन की बैठक में प्रस्तुत किया गया। सदन की मंजूरी से पूर्व कई सड़कों व पार्कों के नामकरण मामले में सुभाष आर्य ने दलील दी कि महापौर की पूर्व मंजूरी के आधार पर इन पार्कों का पहले ही उद्घाटन किया जा चुका है।

पेंशन रोकने पर महापौर ने निगमायुक्त को लिखा पत्र 
निगम चुनाव के ऐन मौके पर की राजधानी की हजारों विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और गरीब महिलाओं की पेंशन रोक दी गई है, जिससे इनको खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में महापौर प्रो. रजनी अब्बी ने निगमायुक्त केएस मेहरा को पत्र लिखा है और कहा है कि यह मामला आम लोगों से जुड़ा है, इसलिए इस धनराशि का जल्द से जल्द भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने दलील दी कि यह मामला आदर्श आचार संहिता के दायरे में नहीं आता है, जबकि निगम प्रशासन इस मामले में राज्य चुनाव आयोग से अनुमति लेकर आगे की प्रक्रिया को मूर्तरूप देने के मूड में है।

Source: Dainik Bhaskar

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