Thursday, March 29, 2012

स्कूलों में शौचालय की मुहिम को झटका


स्कूलों में शौचालय की मुहिम को झटका
नई दिल्ली,जागरण ब्यूरो : स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय बनाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहंुच गया, लेकिन जमीनी तस्वीर अब भी बहुत बदतर है। खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य सभी स्कूलों में शौचालय बनाने की मुहिम को झटका दे रहे हैं। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी दो स्कूलों के बच्चों को यह सुविधा अब तक नसीब नहीं हो पाई है। वैसे तो देश के कुल सवा तेरह लाख स्कूलों में से बीते कुछ वर्षो में 11 लाख से अधिक स्कूलों में शौचालयों का इंतजाम हो चुका है। मगर दो लाख से अधिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को शौच के लिए अब भी खुले में जाना पड़ता है। इस मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति सबसे बदतर है। राज्य में 32 हजार स्कूलों के बच्चे अब भी इस सुविधा से महरूम हैं। इसके बाद बिहार का नंबर आता है, जहां 23 हजार स्कूलों में यह सुविधा नहीं है। उत्तर प्रदेश भी इसी श्रेणी में शामिल है, जिसके 20 हजार से अधिक स्कूलों के बच्चे पढ़ाई के दिनों में खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं। छत्तीसगढ़ में भी लगभग 20 हजार स्कूलों में शौचालय नहीं है। गौरतलब है कि स्कूलों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय को लेकर वर्ष 2004 में ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार कानून का हवाला देते हुए बीते वर्ष जनवरी में इस मामले में आगामी 31 मार्च तक ही स्कूलों में स्थायी शौचालय की सुविधा का इंतजाम करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इस समय सीमा में स्थायी शौचालय न बनवा पाने की स्थिति में 28 फरवरी, 2012 तक कम से कम अस्थायी शौचालय ही बनाने का निर्देश दिया था। मगर सरकार के पास उपलब्ध आंकड़े इस मामले में अलग ही तस्वीर पेश कर रहे हैं।

Source: Dainik Jagran

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