नए निगमों पर रहेगा दिल्ली सरकार का नियंत्रण
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : दिल्ली सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि तीनों नए नगर निगमों की कमान अब उसके हाथों में ही रहेगी। तीनों निगमों के बीच किसी भी प्रकार का विवाद का निपटारा स्थानीय निकाय निदेशालय करेगा, जो दिल्ली सरकार के तहत काम करेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि तीन निगमों मेंअलग-अलग पार्टियों के सत्ता में आने पर पैदा होने वाले सियासी विवादों को सुलझाने क जिम्मेवारी भी निदेशालय की होगी। इसके अलावा आयुक्तों की नियुक्ति, खजाना के बंटवारा में भी प्रदेश सरकार की ही चलेगी। सूत्रों के अनुसार तीनों नए निगमों के आयुक्तों की नियुक्ति भी अगले एक सप्ताह में कर दी जाएगी। इनकी नियुक्ति दिल्ली सरकार से मंत्रणा के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय करेगा। इसके अलावा इंजीनियर इन चीफ, चीफ आर्किटेक्ट जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी जल्दी ही अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। ग्रूप बी और सी के कर्मचारियों के मामले में तय किया गया है कि जो कर्मचारी जहां तैनात हंै, वे वहीं रहेंगे। लेकिन आने वाले दिनों में उसे एक निगम से दूसरे निगम में जाने का विकल्प दिया जाएगा। जो कर्मचारी अदला बदली करना चाहेंगे, उन्हें जहां तक संभव होगा, ऐसा करने की इजाजत दी जाएगी। ग्रूप ए में आने वाले अधिकारियों की तैनाती तीनों निगमों में अलग-अलग की जाएगी। ये सारे फैसले दिल्ली सरकार के तहत काम करने वाला स्थानीय निकाय निदेशालय ही करेगा। बता दें कि दिल्ली मंत्रिमंडल की शुक्रवार को बैठक हुई। जिसमें तीनों निगमों के भावी स्वरूप का खाका तैयार कर, उस पर मुहर लगा दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि 21 अप्रैल को चुनाव के बाद इनका गठन होने के उपरांत अचानक प्रशासनिक संकट नहीं खड़ा हो पाए। हालांकि चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल के फैसले को सार्वजनिक नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार के विश्र्वस्त सूत्रों ने बताया कि टोल टैक्स से होने वाली आय स्थानीय निकाय निदेशालय रखेगा। दिल्ली नगर निगम के सारे रिकार्ड भी निदेशालय के पास आ जाएंगे। हालांकि भविष्य के दस्तावेज, तीनों निगम अलग-अलग सहेजेंगे। दिल्ली नगर निगम के खजाने के बंटवारा दिल्ली वित्त निगम करेगा। दिल्ली सरकार तीनों निगमों को आर्थिक सहायता देगी। उत्तरी व दक्षिणी निगमों का मुख्यालय सिविक सेंटर होगा, जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय पटपड़गंज स्थित उद्योग भवन को बनाया जाएगा।
Source: Dainik Jagran
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